Bhagwan Narsingh ki Aarti को हिंदी और अंग्रेजी में पढ़ सकते हैं, जाने नरसिंह आरती के महत्व, व्रत की विधि, व्रत के नियमों, और अन्य धार्मिक जानकारी भी है। आरती को पीडीएफ रूप में डाउनलोड कर सकते हैं।
Narsingh Aarti holds profound significance among devotees seeking blessings from Lord Narsingh. The soul stirring Narsingh Aarti lyrics are recited with deep devotion, invoking the divine presence of Narsingh Bhagwan. Devotees often engage in the recitation of Narsingh Bhagwan ki Aarti to seek divine protection and blessings. The concept of Narsingh Avatar represents the divine manifestation of Lord Vishnu in the form of half-man, half-lion, symbolizing courage and righteousness.
नरसिंह भगवान एक प्रतिष्ठानीय देवता है जिनकी पूजा विशेष आदर्श और भक्ति से की जाती है। नरसिंह जयंती इस दिवस को विशेष रूप से मनाया जाता है, जब भक्तजन उनके अद्वितीय अवतार की महिमा को स्मरण करते हैं। नरसिंह आरती के पाठ से भक्त उनकी कृपा और सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। नरसिंह भगवान की आरती का आयोजन भक्तों को भगवान के साथ एक आत्मिक संबंध स्थापित करने में मदद करता है और उन्हें दिव्य प्रकाश में रूपांतरित करता है। नरसिंह भगवान को प्रसन्न करने का उपाय भक्तों को उनकी पूजा विधि में सहारा देता है और नरसिंह मंत्र का जाप करने से उन्हें आत्मिक शक्ति और आत्म-समर्पण की अनुभूति होती है।
Narsingh Aarti Lyrics (श्री नरसिंह की आरती लिरिक्स)
ओम जय नरसिंह हरे,
प्रभु जय नरसिंह हरे |
स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे,
जनका ताप हरे ||
|| ओम जय नरसिंह हरे… ||
तुम हो दिन दयाला, भक्तन हितकारी,
प्रभु भक्तन हितकारी |
अद्भुत रूप बनाकर, अद्भुत रूप बनाकर,
प्रकटे भय हारी ||
|| ओम जय नरसिंह हरे… ||
सबके ह्रदय विदारण, दुस्यु जियो मारी,
प्रभु दुस्यु जियो मारी |
दास जान आपनायो, दास जान आपनायो,
जनपर कृपा करी ||
|| ओम जय नरसिंह हरे… ||
ब्रह्मा करत आरती, माला पहिनावे,
प्रभु माला पहिनावे |
शिवजी जय जय कहकर,
पुष्पन बरसावे ||
|| ओम जय नरसिंह हरे… ||
Narsingh Bhagwan Ki Aarti (नरसिंह भगवान की आरती)
Om jay narasinh hare,
Prabhu jay narasinh hare |
Stambh phaad prabhu prakate, stambh phaad prabhu prakate,
Janaka taap hare ||
|| Om jay narasinh hare… ||
Tum ho din dayaala, bhaktan hitakaaree,
Prabhu bhaktan hitakaaree |
Adbhut roop banaakar, adbhut roop banaakar,
Prakate bhay haaree ||
|| Om jay narasinh hare… ||
Sabake hraday vidaaran, dusyu jiyo maaree,
Prabhu dusyu jiyo maaree |
Daas jaan aapanaayo, daas jaan aapanaayo,
Janapar krpa karee ||
|| Om jay narasinh hare… ||
Brahma karat aaratee, maala pahinaave,
Prabhu maala pahinaave |
Shivajee jay jay kahakar,
Pushpan barasaave ||
|| Om jay narasinh hare… ||
Narsingh Bhagwan Aarti (आरती कीजै नरसिंह कुंवर की)
आरती कीजै नरसिंह कुंवर की ।
वेद विमल यश गाउँ मेरे प्रभुजी ॥
पहली आरती प्रह्लाद उबारे ।
हिरणाकुश नख उदर विदारे ॥
दुसरी आरती वामन सेवा ।
बल के द्वारे पधारे हरि देवा ॥
तीसरी आरती ब्रह्म पधारे ।
सहसबाहु के भुजा उखारे ॥
चौथी आरती असुर संहारे ।
भक्त विभीषण लंक पधारे ॥
पाँचवीं आरती कंस पछारे ।
गोपी ग्वाल सखा प्रतिपाले ॥
तुलसी को पत्र कंठ मणि हीरा ।
हरषि-निरखि गावे दास कबीरा ॥
Aarti Kije Narsingh Kunwar Ji Ki Lyrics
Aarti Keeje Narasingh Kunvwar Ki ।
Ved Vimal Yash Gaun Mere Prabhuji ॥
Pahali Aarti Prahlad Ubare ।
Hiranakush Nakh Udar Vidare ॥
Dusari Aarti Vaaman Seva ।
Bal Ke Dware Padhare Hari Deva ॥
Teesari Aarti Brahm Padhare ।
Sahasabahu Ke Bhuja Ukhare ॥
Chauthi Aarti Asur Sanhare ।
Bhakt Vibhishan Lank Padhare ॥
Panchavin Aarti Kans Pachhare ।
Gopi Gwal Sakha Pratipale ॥
Tulasi Ko Patr Kanth Mani Heera ॥
Harashi-Nirakhi Gave Das Kabira ॥
नरसिंह मंत्र (Narsingh Mantra)
नरसिंह मंत्र विशेष रूप से भगवान नरसिंह की आराधना में उपयोग होता है। यह मंत्र उनके भक्तों को सुरक्षा और रक्षा की कामना करता है, और उन्हें आत्मिक शक्ति और साहस प्रदान करने का उद्दीपन करता है। नरसिंह मंत्र का जाप करने से भक्त आत्मिक शांति और धार्मिक साधना में प्राप्ति की कामना करते हैं। यह मंत्र भक्तों को दुश्मनों से बचाव और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन की कामना करने में भी मदद करता है।
ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं
ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्।
नृसिंहं भीषणं भद्रं
मृत्युमृत्युं नमाम्यहम्।।
इस मंत्र का जाप भक्तों को नरसिंह भगवान के आदिशक्ति और साहस को जागृत करने में सहायक होता है। यह मंत्र उनके शक्तिशाली और रक्षाकारी स्वरूप की आराधना के लिए किया जाता है।
नरसिंह भगवान की आरती और धार्मिक जानकारी
आरती की पूजन विधि:
इस आरती की पूजन विधि बहुत सी श्रद्धालुओं के लिए सरल और अनुकूल है। भक्त इसे नियमित रूप से करके अपने धार्मिक अनुष्ठान में शामिल करते हैं।
व्रत के नियम:
नरसिंह भगवान के व्रत के नियम उनके भक्तों को धार्मिक साधना में संलग्न करने का अवसर प्रदान करते हैं। इसका पालन करने से भक्त आत्मा के संबंध में गहराई से जुड़ते हैं।
व्रत का महत्व:
नरसिंह भगवान के व्रत का महत्व भक्तों को उनके आत्मिक उन्नति के माध्यम से जोड़ता है। यह व्रत उन्हें धार्मिक अभिरूचि, संतुलन, और शांति की प्राप्ति में सहायक होता है।
आरती का भगवान:
इस आरती का आयोजन विशेष भावना और आदरभूत श्रद्धा के साथ नरसिंह भगवान को समर्पित करता है। यह आरती भक्तों को आत्मिक उन्नति में सहायक करती है और उन्हें दिव्य प्रकाश में रूपांतरित करती है।
आरती के लाभ:
नियमित रूप से इस आरती का पाठ करने से भक्तों को आत्मिक शक्ति, धार्मिक सजगता, और सत्य के प्रति निष्ठा मिलती है। यह आरती भक्तों को आत्मा के साथ गहरा संबंध बनाए रखने में मदद करती है और उन्हें धार्मिक जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है।
भगवान के बारे में:
नरसिंह भगवान विष्णु के एक अवतार हैं जो अपने भक्तों को संरक्षण औ
र सफलता में मदद करते हैं। उनके विशेष रूप की पूजा और आराधना से भक्त उनकी कृपा में भागीदार बनते हैं।
व्रत का कारण:
नरसिंह भगवान के व्रत का कारण उनके भक्तों को धार्मिक आदर्शों का पालन करने और अच्छे कर्मों के माध्यम से आत्मा को शुद्ध करने का एक साधना प्रदान करना है।
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