Jagannath Ji Ki Aarti (जगन्नाथ जी की आरती)

जगन्नाथ आरती (Jagannath Aarti) को हिंदी और अंग्रेजी में पढ़ें और जाने जगन्नाथ जी की आरती के महत्व, व्रत की विधि, व्रत के नियमों, और अन्य धार्मिक जानकारी भी है।

Jagannath Ji Ki Aarti is a beautiful devotional song dedicated to Lord Jagannath, who is revered in Hinduism. Devotees often seek the Jagannath Aarti lyrics to sing along during rituals and ceremonies. Many prefer performing the Jagannath Aarti to express their devotion and seek blessings. For those who wish to read and understand the Jagannath Ji Ki Aarti lyrics in Hindi, several resources are available online. Some devotees also look for a downloadable version, such as the Jagannath Aarti Pdf, for easy access during prayer.

जगन्नाथ जी की आरती हिंदी में सुनना और गाना भक्तों के लिए एक खास धार्मिक अनुभव होता है। कई लोग जगन्नाथ जी की आरती लिरिक्स खोजते हैं ताकि वे सही शब्दों के साथ आरती गा सकें। आरती के शब्द भगवान जगन्नाथ की महिमा का वर्णन करते हैं और उनकी कृपा पाने के लिए गाई जाती है। अगर आप जगन्नाथ जी की आरती हिंदी में ढूंढ रहे हैं, तो इसे आसानी से ऑनलाइन पढ़ और डाउनलोड कर सकते हैं।

Jagannath Ji Ki Aarti in Hindi (जगन्नाथ जी की आरती हिंदी में)

आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,

मंगलकारी नाथ आपादा हरि,
कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी,
अगर कपूर बाटी भव से धारी,


आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,

घर घरन बजता बाजे बंसुरी,
घर घरन बजता बाजे बंसुरी,
झांझ या मृदंग बाजे, ताल खनजरी,

आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,

निरखत मुखारविंद परसोत चरनारविन्द आपादा हरि,
जगन्नाथ स्वामी के अताको चढे वेद की धुवानी,
जगन्नाथ स्वामी के भोग लागो बैकुंठपुरी,


आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,

इंद्र दमन सिंह गजे रोहिणी खड़ी,
इंद्र दमन सिंह गजे रोहिणी खड़ी,
मार्कंडेय स्व गंगा आनंद भरि,

आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,

सरनार मुनि द्वारे तदे ब्रह्म वेद भानी,
सरनार मुनि द्वारे तदे ब्रह्म वेद भानी,
धन धन ओह सुर स्वामी आनंद गढ़ी,

आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,

आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,

मंगलकारी नाथ आपादा हरि,
कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी,
अगर कपूर बाटी भव से धारी,

आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी

Jagannath Aarti Lyrics (जगन्नाथ जी की आरती लिरिक्स)

Aarti Shri Jagannath Mangal Kari,
Aarti Shri Baikunth Mangalkari,

Mangalkari Nath Aapada Hari,
Kanchan Ko Dhup Deep Jyot Jagmagi,
Agar Kapur Bati Bhav Se Dhari,

Aarti Shri Jagannath Mangal Kari,
Aarti Shri Baikunth Mangalkari,

Gharan Gharan Ghanta Baje Baje Bansuri,
Gharan Gharan Ghanta Baje Baje Bansuri,
Jhanjh or Mridang Baje, Taal Khanjari,


Aarti Shri Jagannath Mangal Kari,
Aarti Shri Baikunth Mangalkari,

Nirkhat Mukharvind Parsat Charnarvind Aapada Hari,
Jagannath Swami Ke Atako Chadhe Ved Ki Dhwani,
Jagannath Swami Ke Bhog Lago Baikunthpuri
,

Aarti Shri Jagannath Mangal Kari,
Aarti Shri Baikunth Mangalkari,

Indra Daman Singh Gaje Rohini Khadi,
Indra Daman Singh Gaje Rohini Khadi,
Markandey Swet Ganga Anand Bhari,


Aarti Shri Jagannath Mangal Kari,
Aarti Shri Baikunth Mangalkari,

Surnar Muni Dware Tadhe Brahma Ved Bhani,
Surnar Muni Dware Tadhe Brahma Ved Bhani,
Dhan Dhan Oh Sur Swami Anand Ghadi,

Aarti Shri Jagannath Mangal Kari,
Aarti Shri Baikunth Mangalkari,

Aarti Shri Jagannath Mangal Kari,
Aarti Shri Baikunth Mangalkari,

Mangalkari Nath Aapada Hari,
Kanchan Ko Dhup Deep Jyot Jagmagi,
Agar Kapur Bati Bhav Se Dhari,

Aarti Shri Jagannath Mangal Kari,
Aarti Shri Baikunth Mangalkari
,

जगन्नाथ जी की आरती हिंदी में भगवान जगन्नाथ को समर्पित एक पवित्र और महत्वपूर्ण आरती है। भगवान जगन्नाथ हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं और उनका प्रमुख मंदिर पुरी, उड़ीसा में स्थित है। जगन्नाथ जी की आरती लिरिक्स के माध्यम से भगवान की महिमा और उनके अनंत रूप का बखान होता है। इस आरती को गाकर भक्त भगवान से अपनी प्रार्थनाएं व्यक्त करते हैं और उनकी कृपा की कामना करते हैं।

पूजन की विधि:

जगन्नाथ आरती के दौरान सबसे पहले भगवान को शुद्ध जल से स्नान कराया जाता है और उन्हें वस्त्र, चंदन, फूल और प्रसाद अर्पित किए जाते हैं। दीपक जलाकर, धूप दिखाकर आरती की जाती है, जिसमें भगवान की स्तुति के लिए Jagannath Ji Ki Aarti गाई जाती है। भक्त पूरी श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ भगवान की आराधना करते हैं।

व्रत के नियम और महत्व:

जगन्नाथ भगवान को प्रसन्न करने के लिए भक्त व्रत भी रखते हैं। व्रत के दौरान व्यक्ति को एकादशी या विशेष दिनों में निराहार या फलाहार करना चाहिए और भगवान की पूजा करनी चाहिए। इस व्रत से जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति प्राप्त होती है, साथ ही मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त होता है।

आरती से लाभ:

Jagannath Ji Ki Aarti करने से भक्त के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस आरती को नियमित रूप से गाने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है, और व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। भगवान जगन्नाथ की पूजा से परिवार में खुशहाली और समृद्धि आती है।भगवान जगन्नाथ की महिमा अनंत है, और उनकी आरती व पूजा करने से भक्त को आशीर्वाद, शांति, और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।

कुछ भगवान के बारे:

भगवान जगन्नाथ हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं, जिन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। उनका नाम “जगन्नाथ” का अर्थ है “जगत के स्वामी” या “विश्व के पालनहार”। वे मुख्य रूप से उड़ीसा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में पूजा जाते हैं, जो चार धामों में से एक है। भगवान जगन्नाथ की मूर्ति अद्वितीय है क्योंकि वह काठ (लकड़ी) की बनी होती है और उनके साथ उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की मूर्तियाँ भी होती हैं।

भगवान जगन्नाथ की पूजा मुख्य रूप से विष्णु और कृष्ण के रूप में की जाती है, और उन्हें प्रेम, भक्ति, और करुणा का प्रतीक माना जाता है। हर साल पुरी में उनकी भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है, जिसमें लाखों भक्त भाग लेते हैं। इस यात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, और सुभद्रा बड़े रथों पर विराजमान होते हैं, और भक्त उन्हें खींचते हैं। इस रथ यात्रा को देखने और उसमें भाग लेने से भक्तों को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

भगवान जगन्नाथ की आराधना करने से जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है, और उनका आशीर्वाद मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है। उनकी कृपा से जीवन में शांति, सुख, और समृद्धि आती है। जगन्नाथ भगवान की महिमा और उनके प्रति श्रद्धा रखने वाले भक्त उन्हें अपनी आस्था और भक्ति से प्रसन्न कर सकते हैं।

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